नारायण गुरुकुलम ने हाल ही में गूगल के एक बग को रिपोर्ट किया है, जिसके बाद कंपनी ने उसे 10,000 डॉलर यानी कि करीब 7.6 लाख रुपये का इनाम दिया है.
सबसे पहले 90s के दशक के लोगों ने कंप्यूटर (computer) का इस्तेमाल किया. उस समय इंटरनेट एक्सप्लोरर, (internet explorer) ब्राउज़र, CD गेम में परेशानी आती रहना आम बात थी, लेकिन साल गुज़रने के बाद इस तरह की परेशानी ठीक होने लगी और कंप्यूटर पर काम करने का एक्सपीरिएंस तेज और आसान होता चला गया. लेकिन अभी भी कई ऐसे बग यानी कि दिक्कत होती है, जिसका हमें पता ही नहीं चलता है.
इसी बीच केरल का एक छात्र बग ढूंढ कर लाखों की कमाई कर रहा है. श्री नारायण गुरुकुलम कॉलेग ऑफ इंजिनियरिंग का प्रतीश नारायनन B.Tech का आखिरी साल का स्टूडेंट हैं. इसने हाल ही में गूगल के एक बग को रिपोर्ट किया है, जिसके बाद कंपनी ने उसे 10,000 डॉलर यानी कि करीब 7.6 लाख रुपये का इनाम दिया है. गूगल के बग CVE-2019-2232 को अब फिक्स कर दिया गया है.
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नारायनन ने लिंक्डइन पर बग के बारे में बताते हुए पोस्ट लिखी और उसमें बताया ‘इस बग से एंड्रॉयड डिवाइसेस पर सेवा हमलों का स्थायी निषेध के लिए रिमोट अटैकर को अनुमति देता है’. आसान भाषा में कहा जाए तो किसी को कॉन्टैक्ट कार्ड भेजने पर ये बग किसी और के फोन को क्रैश कर देता है. जानकारी के लिए बता दें कि यहां किसी आम कॉन्टैक्ट कार्ड की बात नहीं हो रही है, बल्कि ये हरकत में तब आता है जब किसी भी keys के साथ कैरेक्टर की सीरीज़ लगाकर भेजी जाती है. उदाहरण के तौर पर नाम के साथ ‘dbjaduhhudsahdshjdsayugdasgusadbhjdshbasdgttsdgsdbhjdsnjdsjndsjdsjjdsnjdsmjds’ और फिर इसमें कई नंबर ऑफ फील्ड (Home, Work). ऐसा इसलिए क्योंकि कॉन्टैक्ट कार्ड भेजते हुए फोन n-कैरेक्टर के नाम को नहीं पहचानता है और इसके बाद फोन क्रैश होने लगता है.
न्यूज़ मिनट को दिए इंटरव्यू में प्रतीश ने बताया कि ऑपरेटिंग सिस्टम से एक कॉन्टैक्ट सेव करने के लिए एक फिक्स स्पेस दी जाती है, जिसके भरने के बाद सिस्टम इसे सहन नहीं कर पाता और दिक्कत आनी शुरू हो जाती है.
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जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा पहली बार नही हुआ है जब नारायनन ने ऐसा ढूंढा है. फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों को ऐसे बग के बारे में नारायनन दो-तीन सालों से रिपोर्ट कर कर रहा है, जिसके लिए उसे इनाम भी मिलते आए हैं. अब तक नारायनन ने 13 बग रिपोर्ट किए हैं, जिसमें 9 फेसबुक के WhatsApp का, 3 गूगल का और 1 माइक्रोसॉफ्ट गिथहब के लिए था.
इस तरह से नारायनन ने लाखों की कमाई है और इसे आगे भी जारी रखने की बात कहता है. नारायनन का कहना है, ‘मेरी तरह कई ऐसे स्टूडेंट हैं, जो इस तरह के काम फ्रीलैंस की तरह करते हैं, और मैं शायद अपना कोर्स खत्म करने के बाद भी इसे जारी रखूंगा.’
साभार : hindi.news18.com
सबसे पहले 90s के दशक के लोगों ने कंप्यूटर (computer) का इस्तेमाल किया. उस समय इंटरनेट एक्सप्लोरर, (internet explorer) ब्राउज़र, CD गेम में परेशानी आती रहना आम बात थी, लेकिन साल गुज़रने के बाद इस तरह की परेशानी ठीक होने लगी और कंप्यूटर पर काम करने का एक्सपीरिएंस तेज और आसान होता चला गया. लेकिन अभी भी कई ऐसे बग यानी कि दिक्कत होती है, जिसका हमें पता ही नहीं चलता है.
इसी बीच केरल का एक छात्र बग ढूंढ कर लाखों की कमाई कर रहा है. श्री नारायण गुरुकुलम कॉलेग ऑफ इंजिनियरिंग का प्रतीश नारायनन B.Tech का आखिरी साल का स्टूडेंट हैं. इसने हाल ही में गूगल के एक बग को रिपोर्ट किया है, जिसके बाद कंपनी ने उसे 10,000 डॉलर यानी कि करीब 7.6 लाख रुपये का इनाम दिया है. गूगल के बग CVE-2019-2232 को अब फिक्स कर दिया गया है.
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नारायनन ने लिंक्डइन पर बग के बारे में बताते हुए पोस्ट लिखी और उसमें बताया ‘इस बग से एंड्रॉयड डिवाइसेस पर सेवा हमलों का स्थायी निषेध के लिए रिमोट अटैकर को अनुमति देता है’. आसान भाषा में कहा जाए तो किसी को कॉन्टैक्ट कार्ड भेजने पर ये बग किसी और के फोन को क्रैश कर देता है. जानकारी के लिए बता दें कि यहां किसी आम कॉन्टैक्ट कार्ड की बात नहीं हो रही है, बल्कि ये हरकत में तब आता है जब किसी भी keys के साथ कैरेक्टर की सीरीज़ लगाकर भेजी जाती है. उदाहरण के तौर पर नाम के साथ ‘dbjaduhhudsahdshjdsayugdasgusadbhjdshbasdgttsdgsdbhjdsnjdsjndsjdsjjdsnjdsmjds’ और फिर इसमें कई नंबर ऑफ फील्ड (Home, Work). ऐसा इसलिए क्योंकि कॉन्टैक्ट कार्ड भेजते हुए फोन n-कैरेक्टर के नाम को नहीं पहचानता है और इसके बाद फोन क्रैश होने लगता है.
न्यूज़ मिनट को दिए इंटरव्यू में प्रतीश ने बताया कि ऑपरेटिंग सिस्टम से एक कॉन्टैक्ट सेव करने के लिए एक फिक्स स्पेस दी जाती है, जिसके भरने के बाद सिस्टम इसे सहन नहीं कर पाता और दिक्कत आनी शुरू हो जाती है.
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जानकारी के लिए बता दें कि ऐसा पहली बार नही हुआ है जब नारायनन ने ऐसा ढूंढा है. फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियों को ऐसे बग के बारे में नारायनन दो-तीन सालों से रिपोर्ट कर कर रहा है, जिसके लिए उसे इनाम भी मिलते आए हैं. अब तक नारायनन ने 13 बग रिपोर्ट किए हैं, जिसमें 9 फेसबुक के WhatsApp का, 3 गूगल का और 1 माइक्रोसॉफ्ट गिथहब के लिए था.
इस तरह से नारायनन ने लाखों की कमाई है और इसे आगे भी जारी रखने की बात कहता है. नारायनन का कहना है, ‘मेरी तरह कई ऐसे स्टूडेंट हैं, जो इस तरह के काम फ्रीलैंस की तरह करते हैं, और मैं शायद अपना कोर्स खत्म करने के बाद भी इसे जारी रखूंगा.’
साभार : hindi.news18.com