भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का 30 अप्रैल 2020 को सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर निधन हो गया। वह 67 साल के थे और ल्यूकेमिया यानी कैंसर से पीड़ित थे। एक दिन पहले ही उनको मुंबई के एचएन रिलाइंस फाउंडेशन अस्पताल के आईसीयू में भर्ती करवाया गया था। उसी दिन एक्टर इरफान खान का भी कैंसर से निधन हो गया था। इस तरह इरफान खान और ऋषि कपूर का निधन महज 24 घंटे के अंतराल में हुआ है। ऋषि कपूर का अंतिम संस्कार लॉकडाउन के नियमों को ध्यान में रखते हुए होगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक डेड बॉडी अस्पताल से सीधे श्मशान ले जाई जाएगी।
इरफान खान और ऋषि कपूर दोनों के मौत में कई समानताऐं भी देखने को मिली। जैसे कि दोनों दिग्गज अभिनेताओं की मौत कैंसर की वजह से हुई है। दोनों को अपनी बिमारी का पता साल 2018 में ही पता चला था। ऋषि कपूर ने साल 2018 में विदेश जाकर इसका इलाज करवाया था। वह अमेरिका के न्यूयॉर्क से 11 महीने तक कैंसर का इलाज करवा कर साल 2019 के सितंबर में इंडिया लौटे थे, वहीं लंदन से इलाज करवा कर इरफान खान फरवरी 2019 में भारत आए थे। इसके बाद ही उन्होंने अंग्रेजी मीडियम की शूटिंग की थी।
क्या होता है ल्यूकेमिया कैंसर
2018 में ऋषि कपूर को ल्यूकेमिया कैंसर हुआ था। जिसके इलाज के लिए वो अमेरिका गए थे। वहां 11 महीने रहने के बाद पिछले साल सितंबर में भारत लौटे थे। बता दे कि ल्यूकेमिया एक खतरनाक कैंसर है। ल्यूकेमिया ब्लड में होने वाला ऐसा कैंसर है जो ब्लड सेल्स की कई अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं में हो सकता है। वैसे तो शरीर में रेड ब्लड सेल्स और वाइट ब्लड सेल्स ही पाई जाती है लेकिन इसके अलावा प्लेटलेट्स भी मौजूद होती हैं जो ब्लड सेल्स को मेंटेन रखने में बड़ी भूमिका निभाती हैं। डॉक्टरों की मानें तो ल्यूकेमिया विशेष रूप से वाइट ब्लड सेल्स को ही प्रभावित करता है। यही वजह है कि ल्यूकेमिया कैंसर की चपेट में आने वाले इंसान की वाइट ब्लड सेल्स इस कैंसर का निशाना बनती है और इंसान का सही समय पर इलाज न किया जाए तो वह मर जाता है।
एक महीने से सोशल मीडिया से दूर थे
सोशल मीडिया पर लॉजिकल और अग्रेसिव कमेंट्स के लिए मशहूर ऋषि ने 2 अप्रैल के बाद ट्विटर अकाउंट पर कुछ भी पोस्ट नहीं किया। उन्होंने बीते दिनों दीपिका पादुकोण के साथ हॉलीवुड फिल्म "द इंटर्न" के रीमेक में काम करने की घोषणा भी की थी।
29 अप्रैल को हुआ था इरफान का निधन
अभिनेता इरफान खान 54 साल के थे और लंबे समय से कैंसर से जंग लड़ रहे थे। इरफान को मलाशय संक्रमण के कारण 28 अप्रैल को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उन्हें 2018 में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर हुआ था। उनके परिवार में पत्नी सुतापा और दो बेटे बाबिल और अयान हैं। इरफान की मां का चार दिन पहले ही जयपुर में निधन हुआ था। वे लॉकडाउन के कारण अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए थे।
ऋषि कपूर एक परिचय
चिंटू के नाम से मशहूर ऋषि का जन्म 4 सितंबर 1952 को मुंबई के चेम्बूर में हुआ था। वे राज कपूर के दूसरे नंबर के बेटे और पृथ्वीराज कपूर के पोते थे। उनके परिवार का उनके जन्म से पहले से ही फिल्म इंडस्ट्री में उनके दादा पृथ्वीराज कपूर और पिता राजकपूर छाए हुए थे। घर में सिनेमा का माहौल इस कदर था कि उन्हें बचपन से ही इसका शौक लग गया। उन्होंने मुंबई के कैंपियन स्कूल और अजमेर के मेयो कॉलेज में अपने भाइयों के साथ पढ़ाई की। रणधीर कपूर उनके बड़े भाई और राजीव कपूर उनके छोटे भाई हैं। ऋषि और नीतू के दो बच्चे हैं- रणबीर और रिदीमा।
ऋषि की फिल्मी यात्रा
ऋषि कपूर ने 1970 में पिता की फिल्म 'मेरा नाम जोकर' से डेब्यू किया था। इस फिल्म में ऋषि ने अपने पिता के बचपन का किरदार निभाया था। ऋषि कपूर ने बतौर लीड एक्टर 1973 में आई फिल्म ‘बॉबी’ से शुरुआत की थी। अपने करियर में 1973-2000 तक 92 फिल्मों में रोमांटिक हीरो का किरदार निभाया। बतौर सोलो लीड एक्टर 51 फिल्मों में अभिनय किया। ऋषि अपने जमाने के चॉकलेटी हीरो में से एक थे। उन्होंने पत्नी नीतू के साथ 12 फिल्मों में अभिनय किया।
ऋषि ने निर्देशन में भी हाथ आजमाया। उन्होंने 1998 में अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय बच्चन अभिनीत फिल्म ‘आ अब लौट चलें’ निर्देशित की। ऋषि कपूर ने अपने करियर की शुरुआत से हमेशा ही रोमांटिक किरदार निभाया था, लेकिन फिल्म ‘अग्निपथ’ में उनके खलनायक के किरदार को देख सभी हैरान रह गए। ऋषि को इसके लिए आईफा बेस्ट नेगेटिव रोल के अवार्ड से भी नवाजा गया।
इरफान खान और ऋषि कपूर दोनों के मौत में कई समानताऐं भी देखने को मिली। जैसे कि दोनों दिग्गज अभिनेताओं की मौत कैंसर की वजह से हुई है। दोनों को अपनी बिमारी का पता साल 2018 में ही पता चला था। ऋषि कपूर ने साल 2018 में विदेश जाकर इसका इलाज करवाया था। वह अमेरिका के न्यूयॉर्क से 11 महीने तक कैंसर का इलाज करवा कर साल 2019 के सितंबर में इंडिया लौटे थे, वहीं लंदन से इलाज करवा कर इरफान खान फरवरी 2019 में भारत आए थे। इसके बाद ही उन्होंने अंग्रेजी मीडियम की शूटिंग की थी।
क्या होता है ल्यूकेमिया कैंसर
2018 में ऋषि कपूर को ल्यूकेमिया कैंसर हुआ था। जिसके इलाज के लिए वो अमेरिका गए थे। वहां 11 महीने रहने के बाद पिछले साल सितंबर में भारत लौटे थे। बता दे कि ल्यूकेमिया एक खतरनाक कैंसर है। ल्यूकेमिया ब्लड में होने वाला ऐसा कैंसर है जो ब्लड सेल्स की कई अलग-अलग प्रकार की कोशिकाओं में हो सकता है। वैसे तो शरीर में रेड ब्लड सेल्स और वाइट ब्लड सेल्स ही पाई जाती है लेकिन इसके अलावा प्लेटलेट्स भी मौजूद होती हैं जो ब्लड सेल्स को मेंटेन रखने में बड़ी भूमिका निभाती हैं। डॉक्टरों की मानें तो ल्यूकेमिया विशेष रूप से वाइट ब्लड सेल्स को ही प्रभावित करता है। यही वजह है कि ल्यूकेमिया कैंसर की चपेट में आने वाले इंसान की वाइट ब्लड सेल्स इस कैंसर का निशाना बनती है और इंसान का सही समय पर इलाज न किया जाए तो वह मर जाता है।
एक महीने से सोशल मीडिया से दूर थे
सोशल मीडिया पर लॉजिकल और अग्रेसिव कमेंट्स के लिए मशहूर ऋषि ने 2 अप्रैल के बाद ट्विटर अकाउंट पर कुछ भी पोस्ट नहीं किया। उन्होंने बीते दिनों दीपिका पादुकोण के साथ हॉलीवुड फिल्म "द इंटर्न" के रीमेक में काम करने की घोषणा भी की थी।
29 अप्रैल को हुआ था इरफान का निधन
अभिनेता इरफान खान 54 साल के थे और लंबे समय से कैंसर से जंग लड़ रहे थे। इरफान को मलाशय संक्रमण के कारण 28 अप्रैल को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उन्हें 2018 में न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर हुआ था। उनके परिवार में पत्नी सुतापा और दो बेटे बाबिल और अयान हैं। इरफान की मां का चार दिन पहले ही जयपुर में निधन हुआ था। वे लॉकडाउन के कारण अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए थे।
ऋषि कपूर एक परिचय
चिंटू के नाम से मशहूर ऋषि का जन्म 4 सितंबर 1952 को मुंबई के चेम्बूर में हुआ था। वे राज कपूर के दूसरे नंबर के बेटे और पृथ्वीराज कपूर के पोते थे। उनके परिवार का उनके जन्म से पहले से ही फिल्म इंडस्ट्री में उनके दादा पृथ्वीराज कपूर और पिता राजकपूर छाए हुए थे। घर में सिनेमा का माहौल इस कदर था कि उन्हें बचपन से ही इसका शौक लग गया। उन्होंने मुंबई के कैंपियन स्कूल और अजमेर के मेयो कॉलेज में अपने भाइयों के साथ पढ़ाई की। रणधीर कपूर उनके बड़े भाई और राजीव कपूर उनके छोटे भाई हैं। ऋषि और नीतू के दो बच्चे हैं- रणबीर और रिदीमा।
ऋषि की फिल्मी यात्रा
ऋषि कपूर ने 1970 में पिता की फिल्म 'मेरा नाम जोकर' से डेब्यू किया था। इस फिल्म में ऋषि ने अपने पिता के बचपन का किरदार निभाया था। ऋषि कपूर ने बतौर लीड एक्टर 1973 में आई फिल्म ‘बॉबी’ से शुरुआत की थी। अपने करियर में 1973-2000 तक 92 फिल्मों में रोमांटिक हीरो का किरदार निभाया। बतौर सोलो लीड एक्टर 51 फिल्मों में अभिनय किया। ऋषि अपने जमाने के चॉकलेटी हीरो में से एक थे। उन्होंने पत्नी नीतू के साथ 12 फिल्मों में अभिनय किया।
ऋषि ने निर्देशन में भी हाथ आजमाया। उन्होंने 1998 में अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय बच्चन अभिनीत फिल्म ‘आ अब लौट चलें’ निर्देशित की। ऋषि कपूर ने अपने करियर की शुरुआत से हमेशा ही रोमांटिक किरदार निभाया था, लेकिन फिल्म ‘अग्निपथ’ में उनके खलनायक के किरदार को देख सभी हैरान रह गए। ऋषि को इसके लिए आईफा बेस्ट नेगेटिव रोल के अवार्ड से भी नवाजा गया।