Launch of a new book on the life of Jayaprakash Narayan

A new book based on the life of the revolutionary leader and freedom fighter Jayaprakash Narayan will be released on 23 August.

Launch of a new book on the life of Jayaprakash Narayan

A new biography of revolutionary leader and freedom activist Jayaprakash Narayan will be released on 23 August on publisher Penguin Random House India. The book "The Dream of Revolution: A Biography of Jayaprakash Narayan" shares anecdotes and never-before-told stories from the life of Jayaprakash Narayan, known for his "emotional hunger for transformational politics, power and incubating revolutionary ideas".


According to the publisher of this book, the book by historian Bimal Prasad and author Sujata Prasad, "explores the ambiguities and ironies of life living on barricades and one's relentless pursuit of a society based on equality and liberty".


The book presents a comprehensive study of Narayan's life and the early development of his thought process on American university campuses in the 1920s until his entry into politics in the 1930s. According to him, it talks about his bitter friendship with Jawaharlal Nehru to his relentless campaign against quelling dissent during the Emergency imposed by Indira Gandhi in 1975.


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(क्रांतिकारी नेता और स्वतंत्रता कार्यकर्ता जयप्रकाश नारायण की एक नई जीवनी 23 अगस्त को प्रकाशक पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया पर प्रदर्शित की जाएगी| "द ड्रीम ऑफ रेवोल्यूशन: ए बायोग्राफी ऑफ जयप्रकाश नारायण" पुस्तक मे जयप्रकाश नारायण के जीवन से उपाख्यानों और पहले कभी नहीं बताई गई कहानियों को साझा करती है, जो "परिवर्तनकारी राजनीति के लिए भावनात्मक भूख, शक्ति और इनक्यूबेटिंग क्रांतिकारी विचारों" के लिए जाने जाते थे|)

 

(इस पुस्तक के प्रकाशक के अनुसार, इतिहासकार बिमल प्रसाद और लेखक सुजाता प्रसाद द्वारा लिखित पुस्तक, "बैरिकेड्स पर रहने वाले जीवन की अस्पष्टताओं और विडंबनाओं और समानता और स्वतंत्रता पर आधारित समाज में एक व्यक्ति की निरंतर खोज" की खोज करती है|)


(इस पुस्तक मे नारायण की जिंदगी और 1920 के दशक में अमेरिकी विश्वविद्यालय परिसरों में उनकी विचार प्रक्रिया के शुरुआती विकास से लेकर 1930 के दशक में उनके राजनीति में आने तक पर व्यापक अध्ययन को प्रस्तुत करती है| उसके मुताबिक, इसमें जवाहरलाल नेहरू के साथ उनकी कटु मित्रता से लेकर 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के दौरान असंतोष को दबाने के खिलाफ उनके अथक अभियान तक पर बात की गई है|)


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