यह है भगवान जगन्नाथ के अंगरक्षक बाहुबली-अनिल गोचीकर


जगन्नाथ पुरी देश का एक पवित्र तीर्थ स्थल है। श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर उड़ीसा के पुरी शहर में स्थित है भगवान विष्णु के अवतार माने जाने वाले भगवान जगन्नाथ (Lord Jagannath) का प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर जिसका निर्माण 11वीं शताब्दी में करवाया गया था। देश की चार धाम तीर्थ यात्रा बद्रीनाथ, द्वारकाऔर रामेश्वरम के साथ एक धाम पुरी जगन्नाथ मंदिर भी है। रथ यात्रा के दौरान तो इस मंदिर की रौनक देखते ही बनती है जो 10 दिनों तक चलती है। लेकिन साल के बाकी दिनों भी यहां श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ रहती है और सबसे खास है यहां का महाप्रसाद जिसे आपको बिलकुल मिस नहीं करना चाहिए। पूरा मंदिर घूमने में करीब 1 घंटे का वक्त लगता है और यह मंदिर हफ्ते के सातों दिन सुबह साढ़े 5 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है।



इसी जगन्नाथ पुरी मंदिर में एक व्यक्ति है जिसे आपने अकसर सोशल मिडिया पर देखा होगा। मंदिर में आने-जाने वाले श्रद्धालुओं का ध्यान भी यह अपनी ओर खींच लेता है। ये कोई आम व्यक्ति नहीं बल्कि इन्हें भगवान जगन्नाथ का अंगरक्षक कहा जाता हैं। जिनका नाम है 'अनिल गोचीकर' (Anil Gochikar) और यह जगन्नाथ पुरी मंदिर में भगवान जगन्नाथ के अंगरक्षक के तौर पर नियुक्त हैं। अपने बलशाली कद काठी के कारण ही लोगों का ध्यान इनकी ओर चला जाता है।


अपनी बाहुबली-सी कद काठी के चलते ही यह 7 बार मिस्टर ओड़िशा, 3 बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में दो बार सन् 2017 एवं 2019 में गोल्ड तथा एक बार 2018 में सिल्वर, एक बार अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप का खिताब जीत चुके है। मिस्टर ओडिशा बनने से पहले अनिल पूर्व में मिस्टर वर्ल्ड प्रतियोगिता में गोल्ड कैटेगरी में भी कांस्य पदक भी जीत चुके हैं। उन्होंने भुवनेश्वर में बॉडी बिल्डिंग और रेसलिंग का प्रशिक्षण लिया हुआ है। बहरहाल अनिल अपनी लुक सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं और कई श्रद्धालु उन्हें लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं।




ऐसा नहीं है कि जगन्नाथ पुरी मंदिर में अनिल गोचीकर ही मंदिर में अपनी सेवा देते है। बल्कि इनके बड़े भाई भी मंदिर में सेवक हैं और माता-पिता भी महाप्रभु के सेवक रह चुके है। वर्तमान में इसी सेवाचक्र के रूप में अनिल भी महाप्रभु की ही सेवा करते हैं। गराबड़ु सेवा अर्थात प्रभु के स्नान के लिए पानी देने का कार्य, बड़द्वार अर्थात अंगरक्षक का कार्य और हड़प सेवा यानी मंदिर ट्रेजरी वैन का दुरुपयोग न हो इसका संचालन जैसी जिम्मेदारी अनिल ही निभाते हैं।


मध्यमवर्गीय किसान ब्राह्मण परिवार में जन्में अनिल मिस्टर ओडिशा और मिस्टर इंडिया रह चुकने के बाद भी भगवान की सेवा में होने के कारण पूरी तरह शाकाहार का पालन करते हैं। बॉडी बिल्डिंग जैसे खेल में होने के बावजूद उन्होंने कभी नॉन-वेज को हाथ तक नहीं लगाया। अनिल हर दिन सुबह 5.30 बजे उठ जाता हैं। इसके बाद नाश्ते में 150 ग्राम अंकूरित मूंग और 1 नारियल खाने के बाद जिम्नेशियम जाते हैं। सुबह 9.30 बजे चावल, पनीर, मशरूम, पालक का साग, वेट प्रोटीन और फिर दोपहर 12.30 बजे चावल, पनीर, सोयाबीन, दही सलाद खाते हैं। दोपहर 3 बजे ब्रेड या रोटी, सब्जी के साथ एक या दो केले खाते हैं और फिर जिम्नेशियम जाते हैं। यहां करीब 3 घंटे शारीरिक अभ्यास करते हैं।




अनिल गोचीकर के पूर्वजों के अनुसार एक बार मुगल ने जब श्रीमंदिर पर हमला किया था तब उनके पूर्वजों ने महाप्रभु जी को पाताली किया था। अर्थात उन्होंने महाप्रभु की मूर्ति को ले जाकर छिपाया था ताकि उसे नुकसान ना पहुंचा सके। दरअसल महाप्रभु की मूर्ति काफी भारी है और ऐसे में मूर्ति ले जाकर छिपाना काफी मुश्किल कार्य था।