विश्व में अपने देश की सेना पर खर्च करने के मामले मेें भारत अब टॉप के 3 देशों की सूची में शामिल हो चुका है। रक्षा मामलों पर सबसे ज्यादा खर्च करने में अमेरिका पहले, चीन दूसरे और अब भारत तीसरे पर पहुंच गया है। हालांकि, अमेरिका भारत के मुकाबले 10 गुना से ज्यादा खर्च कर रहा है तो चीन करीब 4 गुना।
दुनिया में अमेरिका रक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करता है। अमेरिका का 2019-20 का रक्षा बजट 718 अरब डॉलर यानी 51 लाख 21 हजार करोड़ रुपए और चीन का 177.6 अरब डॉलर (12 लाख 61 हजार करोड़ रुपए) है। वही भारत का रक्षा बजट 2019-20 में 3 लाख 5 हजार 296 करोड़ रुपए था। वहीं पाकिस्तान ने 2019-20 के बजट में रक्षा के लिए भारतीय करंसी के हिसाब से 53 हजार 164 करोड़ और बांग्लादेश ने 27 हजार 340 करोड़ रुपए रखे थे।
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ग्लोबल थिंक-टैंक स्टॉकहोम इंटरनैशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट (SIPRI) ने 27 अप्रैल 2020 को अपना नवीनतम डेटा रिलीज किया। इसमें बताया गया है कि वर्ष 2019 में दुनिया में रक्षा पर खर्च बढ़कर 1,917 अरब डॉलर पहुंच गया जो 2018 के मुकाबले 3.6 प्रतिशत ज्यादा है। रक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले 5 देश हैं- अमेरिका (732 अरब डॉलर), चीन (261 अरब डॉलर), भारत (71.1 अरब डॉलर), रूस (65.1 अरब डॉलर) और सऊदी अरब (61.9 अरब डॉलर)। ये पांचों देश ही रक्षा पर दुनिया के कुल खर्च का 62 प्रतिशत खर्च करते हैं।
पड़ोसी देश पाकिस्तान के संदर्भ में, वह 10.3 अरब डॉलर खर्च के साथ टॉप 40 लिस्ट में 24वें पायदान पर है। SIPRI ने बताया, 'ऐसा पहली बार हुआ है जब रक्षा पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले टॉप 3 देशों में 2 एशियाई हैं। (चीन 2018 में भी दूसरे स्थान पर था लेकिन भारत चौथे पायदान पर था)...पाकिस्तान और चीन के साथ भारत का तनाव उसके रक्षा खर्च बढ़ने में मुख्य कारण है।'
भारत के सालाना रक्षा खर्च में 33 लाख पूर्व सैनिकों और डिफेंस सिविलियंस के लिए पेंशन की बहुत बड़ी मात्रा है। उदाहरण के तौर पर 2020-21 के लिए भारत का रक्षा बजट 63 अरब डॉलर है जिसमें 18 अरब डॉलर तो पेंशन के लिए है। इसके अलावा 15 लाख स्ट्रेंथ वाली आर्म्ड फोर्सेज के लिए सैलरी का बिल भी अच्छा खासा है। इस वजह से इतना खर्च के बावजूद सैन्य आधुनिकीकरण पर उतना खर्च नहीं होता, जितना आंकड़े को देखकर लगता है।
SIPRI ने यह भी बताया है कि चीन ने 2018 की तुलना में 2019 में अपने रक्षा खर्च को 5.1 प्रतिशत बढ़ाया है जो 261 अरब डॉलर पर पहुंच चुका है। दूसरी तरफ भारत ने 2018 की तुलना में अपने रक्षा खर्च में 6.8 प्रतिशत खर्च किया है।